Train me Mobile charge: आप अब जब भी ट्रेन में सफर करने जाएं तो घर से ही मोबाइल चार्ज करके जाएं, ट्रेन में मोबाइल चार्ज करने के रेलवे ने कुछ नियम बनाएं है जो आम यात्री नहीं समझते हैं। इसलिए उन्हें ट्रेन में जुर्माना देना पड़ जाता है। आइए हम जानते हैं इस आर्टिकल में आखिर भारतीय रेल ने ट्रेन में मोबाइल और लैपटॉप चार्ज करने के क्या नियम बनाएं है।
ट्रेन में चार्जिंग सॉकिट की कैपिसिटी क्या है:
आपको बता दें कि ट्रेन में 110 वोल्ट डी.सी. का प्रयोग किया जाता है. जिससे ज्यादा से ज्यादा मोबाइल और लैपटॉप चार्ज किया जा सकता है. इसके अलावा आप किसी अन्य चीजें जैसे पानी गर्म करने का बोतल, पॉवर बैंक या अन्य चीजों के लिए ट्रेन में मौजूद चार्जिंग सॉकिट का उपयोग करेंगे तो जुर्माना लग सकता है।
ट्रेन में लैपटॉप चार्ज करने के नियम:
ट्रेन में कभी कभी वोल्टेज की समस्या उत्पन्न हो जाती है। ऐसे में लैपटॉप चार्ज करने से मनाही की जाती है। अगर फिर भी यात्री नहीं मानते हैं तो रेलवे आपपर जुर्माना लगा सकता है। क्योंकि कम वोल्टेज में लैपटॉप चार्ज करने से शॉर्ट सर्किट हो कर ट्रेन में आग लगने का अंदेशा बना रहता है।
ट्रेन में मोबाइल चार्ज का नियम:
ट्रेन में यात्रा के दौरान यात्री अपने मोबाइल फोन को अक्सर चार्ज में लगाकर छोड़ देते हैं। खासकर रात में चार्ज में लगाकर यात्री सो जाते हैं। ऐसे में मोबाइल ज्यादा चार्ज होकर ब्लास्ट होने का डर बना रहता है। इसके लिए रेलवे ने नियम बना रखें है कि रात्रि 11 बजे से सुबह 5 बजे तक ट्रेन में मोबाइल चार्ज नहीं किया जा सकता है। अगर इस दौरान आप मोबाइल फोन चार्ज करते हुए पकड़े जा सकते हैं तो आपको जुर्माना और जेल दोनों हो सकती है।
ट्रेन में मोबाइल चार्ज का क्या रेलवे एक्ट है:
147 रेलवे एक्ट है, जिसके तहत प्रतिबंधित क्षेत्र में या अनाधिकृत तौर पर प्रवेश करने के मामले में जुर्म दर्ज किया जाता है. इसी धारा केे तहत अपराधी ट्रेन में किसी ऐसी वस्तु का इस्तेमाल किया जाता हैै जो प्रतिबंधित है तो उसपर एक हजार रुपए जुर्माने से लेकर 6 माह या उससे ज्यादा की कैद या फिर दोनों सजा हो सकती है.
इन पहलुओं को ध्यान में रखते हुए ट्रेन में मोबाइल और लैपटॉप के अलावा किसी भी चीज को चार्ज करना मना होता है. बल्कि पिछले साल यानी 2023 में रेलवे में रात के समय ट्रेन में मोबाइल और लैपटॉप चार्ज करने पर भी प्रतिबंध लगा दिया है.